Jamnagar Sthapna Din यानी जामनगर स्थापना दिन, केवल एक शहर की शुरुआत नहीं बल्कि एक पूरे ऐतिहासिक युग, एक समृद्ध राज्य और दूरदर्शी राजाओं की अद्वितीय सोच का प्रतीक है। जामनगर शहर की स्थापना, नवानगर राज्य के निर्माण और उसके पीछे के ऐतिहासिक कारणों को जानना न केवल रोचक है बल्कि गुजरात और सौराष्ट्र के इतिहास को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक भी है।
जाम रावल की त्यागमयी यात्रा

जामनगर और नवानगर की स्थापना से पूर्व इसके संस्थापक जाम रावल को कच्छ का अपना राज्य छोड़ना पड़ा था। ऐतिहासिक कथाओं के अनुसार, उस समय कच्छ में एक ही वंश के दो शक्तिशाली राज्य – लाखियाविरा और बारा तेरा अस्तित्व में थे। इन दोनों के बीच वर्षों से चला आ रहा खून-खराबे वाला वैर समाप्त करने के उद्देश्य से बारा तेरा राज्य के शासक जाम रावल ने स्वेच्छा से अपना राज्य छोड़कर सौराष्ट्र की ओर प्रस्थान किया।
सौराष्ट्र में विजय और नई राजधानी की स्थापना

सौराष्ट्र में उस समय छोटे-छोटे राज्य हुआ करते थे, जिन्हें जाम रावल ने अपनी सैन्य कुशलता से जीत लिया और सौराष्ट्र के उत्तर में स्थित समुद्र तटीय क्षेत्र, जिसे आज “हालार प्रांत” के नाम से जाना जाता है, पर अधिकार कर लिया। उन्होंने खंभालिया से कालावड़ तक के इलाके को अपने राज्य में शामिल किया और मध्य में स्थित स्थान को राजधानी के रूप में चुना – यही आज का जामनगर है।
विक्रम संवत 1596 के श्रावण सुद सातम बुधवार के शुभ दिन, तीन स्थानों पर थांभलियाँ (स्तंभ) गाड़कर जामनगर शहर की विधिवत स्थापना की गई। यह शुभ क्षण ही आज Jamnagar Sthapna Din के रूप में मनाया जाता है।
तीन स्तंभों से एक शहर की नींव
- पहली थांभली स्वयं जाम रावलजी द्वारा गाड़ी गई, जहां बाद में राजगद्दी और दरबारगढ़ का निर्माण हुआ।
- दूसरी थांभली दीवान नोंघणजी खीमलयाजी राठौड़ ने रोपी, जहां आज “सेवा सदन” बना और प्रशासनिक कार्य शुरू हुए।
- तीसरी थांभली नगरशेठ द्वारा व्यापारियों के साथ मिलकर लगाई गई, जिससे शहर के व्यापार और उद्योग का विकास आरंभ हुआ।
इस प्रकार, जामनगर की स्थापना केवल एक राजशाही कार्य नहीं थी, बल्कि यह प्रशासनिक दूरदर्शिता और व्यापारिक समृद्धि का भी प्रतीक बनी।
शासकों का स्वर्णिम इतिहास
जामनगर की राजगद्दी पर कुल 20 शासकों ने राज किया, जिनमें से कुछ विशेष रूप से प्रसिद्ध हुए:
1. जाम सत्ताजी – I (छत्रसाल)
उनके शासनकाल में:
- जामनगर की अपनी मुद्रा “जामशाही कोरी” चांदी के सिक्कों के रूप में चलन में आई।
- बाद में स्वर्ण कोरी भी जारी की गई।
- उन्हें पश्चिम भारत का बादशाह कहा गया क्योंकि उन्होंने गुजरात के सुभों को दो बार हराया था।
- उनके समय में भूचर मोरी का महान युद्ध भी लड़ा गया।
2. जाम रणमलजी – II
- उनके शासन में समृद्धि का युग आया, लेकिन भयानक दुष्काल और भूकंप भी आए।
- जनता के लिए राहत कार्य जैसे भुजियो कोठो, रणमल तालाब, दरबारगढ़ और गढ़ की दीवारें बनवाई गईं।
- धार्मिक दृष्टि से उन्होंने द्वारका यात्रा कर ब्राह्मण भोज और मंदिर निर्माण करवाए।
- उनकी महारानी प्रतापकुंवरबा ने मीराबाई की तरह श्रीकृष्ण भक्ति में पदों की रचना की।
3. जाम विभाजी – II
- वे निरक्षर थे लेकिन अत्यंत बुद्धिमान थे।
- उनके समय में जामनगर को “छोटी काशी” की उपाधि मिली।
- रंगीन स्वभाव के कारण उन्हें 25 रानियाँ थीं और उन्होंने 43 वर्षों तक शासन किया।
4. जाम रणजीतसिंह
- उनका पालन-पोषण इंग्लैंड में हुआ, इसलिए उन्होंने जामनगर में यूरोपीय शैली के भवन, विक्टोरिया आर्किटेक्चर, व्यवस्थित सड़कें और जनहित की योजनाएं शुरू कीं।
- उन्हें “सौराष्ट्र का पेरिस” का खिताब मिला।
- उन्होंने जामनगर में क्रिकेट की नींव रखी और शहर को इस खेल का “मक्का” बनाया।
5. जाम दिग्विजयसिंहजी
- वे अंतिम शासक थे जिन्होंने 1933 से 1947 तक शासन किया।
- उनके जन्मदिवस को वृक्षारोपण दिवस के रूप में मनाया जाता था, जिससे जामनगर में हरे-भरे मार्ग विकसित हुए।
- उन्होंने बेडी बंदर को “सौराष्ट्र का लीवरपूल” बनाया और धनवंतरी मंदिर, रणजीत सागर बांध जैसे निर्माण करवाए।
सौराष्ट्र के गौरव – सौराष्ट्र का शिवमंदिर
स्वतंत्रता के बाद, 15 अगस्त 1947 को जामनगर राज्य भारत में विलीन हो गया। दिग्विजयसिंहजी ने देश के प्रति समर्पण दिखाते हुए, सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी उठाई, जो आज एक भव्य शिव मंदिर के रूप में खड़ा है। मंदिर के मुख्य द्वार को उनके सम्मान में “दिग्विजय प्रवेशद्वार” नाम दिया गया।
निष्कर्ष
Jamnagar Sthapna Din केवल एक दिन नहीं है, यह एक धरोहर है – एक ऐसी ऐतिहासिक विरासत जिसमें त्याग, परंपरा, संस्कृति, शासन कला, धर्म, व्यापार और जनकल्याण का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। जामनगर के उन वीर, बुद्धिमान और दूरदर्शी शासकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, आज हम सभी जामनगर के 486वें स्थापना दिवस पर अपने शहर को शुभकामनाएं देते हैं।
Happy Birthday Jamnagar!