Government’s special statement: आज के डिजिटल युग में हर छोटा-बड़ा लेनदेन अब मोबाइल एप्स के ज़रिए होने लगा है। चाहे सब्ज़ी वाले को पैसे देने हों या ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो, लोग अब Google Pay, PhonePe और Paytm जैसे UPI ऐप्स का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन हाल ही में एक ख़बर ने लोगों को हैरान कर दिया — क्या अब ₹2,000 से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर टैक्स लगेगा?
इस सवाल का जवाब अब सरकार ने खुद दिया है और साफ कर दिया है कि ऐसे किसी टैक्स की योजना नहीं है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या था, और सरकार ने इस पर क्या विशेष बयान (Government’s special statement) दिया है।
Government’s special statement संसद में पूछा गया सवाल, फैली अफवाह
देश की सबसे बड़ी विधायी संस्था संसद में हाल ही में एक दिलचस्प सवाल उठा। राज्यसभा सांसद अनिल कुमार यादव ने सरकार से सीधा सवाल किया कि क्या वह ₹2,000 से अधिक के UPI लेनदेन पर GST (वस्तु एवं सेवा कर) लगाने पर विचार कर रही है?
साथ ही, उन्होंने यह भी पूछा कि यदि ऐसा कोई निर्णय लिया गया है, तो क्या आम जनता ने इसका विरोध किया है?
इस सवाल के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में यह अफवाह फैलने लगी कि सरकार अब डिजिटल लेनदेन पर टैक्स लगाने जा रही है। इससे लोगों में भ्रम और चिंता का माहौल बन गया।
वित्त मंत्रालय ने दी स्पष्टता: अफवाहों पर विराम
इस अफवाह को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और स्थिति स्पष्ट की। Government’s special statement के रूप में मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा कि ₹2,000 से अधिक के किसी भी UPI लेनदेन पर न तो कोई GST लगाया गया है और न ही लगाने की कोई योजना है।
सरकार ने इस प्रकार की खबरों को झूठा और पूरी तरह से आधारहीन बताया। मंत्रालय ने कहा कि वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव भी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
जीएसटी परिषद ही ले सकती है फैसला
इस विषय पर और स्पष्टता देते हुए वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा कि GST से संबंधित कोई भी निर्णय सिर्फ GST परिषद की सिफारिशों के आधार पर ही लिया जा सकता है। GST परिषद एक संवैधानिक संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के प्रतिनिधि होते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि अब तक ऐसी कोई सिफारिश नहीं की गई है, जिससे यह साफ है कि ₹2,000 से ज़्यादा के UPI ट्रांजैक्शन पर टैक्स लगाने का कोई इरादा नहीं है।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है सरकार
सरकार ने यह भी दोहराया कि वह देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। UPI जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए लेनदेन तेज़, आसान और सुरक्षित हो गए हैं। साथ ही, सरकार की ओर से कई कैशबैक स्कीम्स और प्रोत्साहन योजनाएं भी चलाई जा रही हैं ताकि लोग नकद लेनदेन की जगह डिजिटल पेमेंट को अपनाएं।
Google Pay, PhonePe, Paytm और अन्य UPI आधारित एप्लिकेशन आज शहरों से लेकर गांवों तक पहुंच चुके हैं। इनका इस्तेमाल सब्ज़ी वालों से लेकर बड़ी दुकानों तक किया जा रहा है, जिससे देश में कैशलेस इकोनॉमी का सपना धीरे-धीरे साकार हो रहा है।
पी2पी और पी2एम दोनों लेनदेन पर नहीं है कोई टैक्स
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि UPI के ज़रिए होने वाले किसी भी प्रकार के ट्रांजैक्शन — चाहे वह व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) हो या व्यक्ति से व्यापारी (P2M) — पर किसी भी प्रकार का जीएसटी लागू नहीं है।
यह नीति आगे भी जारी रहेगी ताकि डिजिटल लेनदेन की सरलता और गति को और प्रोत्साहन मिले।
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निष्कर्ष: टैक्स की कोई योजना नहीं, अफवाहों से रहें सावधान
यह स्पष्ट हो चुका है कि ₹2,000 से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर टैक्स लगाए जाने की कोई योजना नहीं है। सरकार ने Government’s special statement के ज़रिए जनता को भरोसा दिलाया है कि डिजिटल भुगतान को रोका नहीं जाएगा, बल्कि उसे और मज़बूत किया जाएगा।
इसलिए अगर आपको सोशल मीडिया पर ऐसी कोई अफवाह या भ्रमित करने वाली जानकारी दिखे तो उसकी सत्यता जरूर जांचें और सिर्फ आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।
सारांश (Table Format में):
विषय | विवरण |
---|---|
मुद्दा | ₹2,000+ UPI लेनदेन पर टैक्स लगाने की अफवाह |
सवाल पूछा | राज्यसभा सांसद अनिल कुमार यादव द्वारा |
सरकार की स्थिति | टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं |
Ministry का बयान | अफवाहें झूठी और निराधार |
जिम्मेदार संस्था | GST परिषद |
टैक्स का वर्तमान स्टेटस | कोई टैक्स नहीं, चाहे P2P हो या P2M |
सरकार की प्राथमिकता | डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना |
UPI एप्स | Google Pay, PhonePe, Paytm आदि |
जनता के लिए संदेश | अफवाहों से सावधान रहें, केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें |