Bhavnagar News: भावनगर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कोली समाज के अग्रणी नेता परशोत्तमभाई सोलंकी ने मंच से एक भावुक संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि कोली समाज उनके लिए परिवार जैसा है, और जहाँ समाज को पीड़ा होती है, वहीं उन्हें भी गहरा दुख होता है।
परशोत्तमभाई ने साफ शब्दों में कहा कि उन्होंने जीवनभर समाज की सेवा की है। हालांकि अब कुछ लोग उन्हें गलत ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समाज का जो दर्द है, वह उन्हें भी महसूस होता है। उन्होंने भावुक होकर कहा, “जहाँ मेरे समाज को दुःख पहुँचता है, वहीं मुझे भी अंदर से तकलीफ होती है।” उन्होंने समाज के बीच एकजुटता बनाए रखने की अपील की और कहा कि उन्होंने जो भी किया है, समाज के भले के लिए किया है।
राजनीतिक प्रकरणों और समाज सेवा को लेकर खुलासा
परशोत्तमभाई ने अपने कार्यकाल और समाज सेवा के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए कुछ नहीं किया। वे बोले, “मैंने केवल समाज के लिए काम किया है। जो भी निर्णय लिए, समाज की भलाई को ध्यान में रखकर लिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही कोई उन्हें राजनीति से अलग करने की कोशिश करे, लेकिन वह हमेशा समाज के लिए उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने कहा कि समाज को अगर उनका जीवन चाहिए, तो वे वह भी देने को तैयार हैं। यह कहकर उन्होंने फिर से साबित कर दिया कि वे केवल एक राजनेता नहीं बल्कि एक सच्चे समाजसेवी भी हैं।
कठिनाइयों का सामना और प्रतिबद्धता
उन्होंने अपने जीवन की कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए बताया कि कई बार उन्हें पानी के टैंकरों पर बैठना पड़ा, और कई बार समाज की समस्याओं के हल के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के दरवाज़े खटखटाने पड़े। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। भावनात्मक रूप से उन्होंने कहा, “मुझे आज भी वह दिन याद है जब मुझे जेल भी जाना पड़ा, लेकिन मैंने समाज की सेवा में कभी पीछे हटने का नाम नहीं लिया।”
परशोत्तम सोलंकी ने बताया कि पिछले 30 वर्षों से वे समाज के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। वे बोले, “अगर समाज चाहे तो मैं अपना पूरा जीवन समर्पित कर दूँगा।”