Bhavnagar News से एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहाँ शहर के सुभाषनगर क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए मकानों की हालत बेहद खराब हो चुकी है। घटिया निर्माण, सीवेज और पानी की समस्याओं से परेशान होकर स्थानीय निवासियों ने एक रैली निकालकर अपनी आवाज़ सरकार तक पहुँचाई और अतिरिक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
Bhavnagar News: प्रधानमंत्री आवास योजना

गौरतलब है कि वर्ष 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद द्वारा इस आवास योजना का उद्घाटन किया गया था। योजना के तहत प्लॉट नंबर 29 पर बनाए गए मकान वर्ष 2022 में निवासियों को सौंपे गए थे। लेकिन मात्र साढ़े तीन वर्षों के अंदर ही इन मकानों की दीवारें दरकने लगी हैं, बीम टूट गए हैं और पूरी इमारत जर्जर हो चुकी है।
स्थानीय निवासी नरेंद्रभाई डोडिया ने बताया कि हर फ्लैट में पानी की पाइप और सीवेज की लाइनों में रिसाव हो रहा है। ऊपर के फ्लैट से निकलने वाला गंदा पानी नीचे के मकानों में टपकता है, जिससे गंदगी फैल रही है और लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। इस डर से 100 से ज्यादा परिवार अपने मकान छोड़कर दूसरी जगहों पर रहने चले गए हैं।
वर्तमान में इस कॉलोनी में लगभग तीन से चार हजार लोग रह रहे हैं, जिनकी जान पर हर दिन खतरा मंडरा रहा है। बरसात के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं, क्योंकि बारिश का पानी निकास की व्यवस्था न होने के कारण घरों में भर जाता है। लोगों ने कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन न तो कोई अधिकारी मौके पर आया और न ही कोई स्थायी समाधान निकाला गया।
निवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करती है, तो वे गांधीनगर जाकर प्रदर्शन करेंगे और ज़रूरत पड़ी तो धरने पर भी बैठेंगे। उनका स्पष्ट कहना है कि वे अपने और अपने बच्चों के जीवन को खतरे में नहीं डाल सकते।
स्थानीय प्रशासन और सरकार से लोगों की माँग है कि उनके लिए सुरक्षित और मजबूत मकान बनाए जाएँ ताकि उन्हें एक बार फिर विस्थापन का सामना न करना पड़े। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए बल्कि पूरी व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है कि जनहित की योजनाओं को केवल नाम के लिए न चलाया जाए, बल्कि गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
Bhavnagar News भावनगर में इस मुद्दे को लेकर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है और उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम उठाएगी।