Bhavnagar News: गंगा स्वरूप योजना से भावनगर की 17,843 विधवा बहनों को मिल रही ₹22.30 करोड़ की मासिक सहायता

Bhavnagar news: गंगा स्वरूप योजना के अंतर्गत एक सराहनीय सामाजिक पहल की जानकारी सामने आई है, जिसमें विधवा महिलाओं को सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में गुजरात सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। सरकार की गंगा स्वरूप योजना के तहत भावनगर शहर की 17,843 विधवा बहनों को प्रतिमाह ₹1250 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। यह योजना न केवल वित्तीय सहायता देती है, बल्कि महिलाओं को समाज में आत्मसम्मान के साथ जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करती है।

विधवा बहनों के लिए गंगा स्वरूप योजना क्यों है खास?

पति के निधन के बाद एक महिला को सामाजिक, मानसिक और आर्थिक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। खासकर उन महिलाओं के लिए जो आर्थिक रूप से निर्भर होती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने “गंगा स्वरूप योजना” की शुरुआत की। यह योजना विधवा महिलाओं को सीधे उनके बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से हर महीने ₹1250 की सहायता राशि प्रदान करती है।

भावनगर में 22 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि वितरित

वर्तमान में भावनगर शहर में कुल 17,843 महिलाएं इस योजना का लाभ ले रही हैं। सरकार इन लाभार्थियों को प्रतिमाह कुल ₹2,23,03,750 (22.30 करोड़ रुपये सालाना) की सहायता राशि प्रदान कर रही है। योजना के अंतर्गत 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं लाभ के लिए पात्र हैं। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने के बाद नगर मामलतदार कार्यालय द्वारा स्थलीय जांच की जाती है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आवेदन को स्वीकृति या अस्वीकृति दी जाती है।

पात्रता और जरूरी दस्तावेज

गंगा स्वरूप योजना का लाभ लेने के लिए कुछ पात्रता मानदंड और दस्तावेज आवश्यक हैं, जैसे:

  • शहरी क्षेत्र में अधिकतम ₹1.50 लाख और ग्रामीण क्षेत्र में ₹1.20 लाख की वार्षिक पारिवारिक आय
  • पति की मृत्यु का प्रमाण-पत्र
  • राशन कार्ड (निवास प्रमाण के रूप में)
  • पुनर्विवाह न करने का शपथ-पत्र
  • आयु प्रमाण पत्र
  • पासपोर्ट आकार का नवीनतम फोटो
  • बैंक खाता पासबुक
  • बीपीएल स्कोर कार्ड (यदि हो)
  • स्व-घोषणा

इन दस्तावेजों की पूर्ति के बाद ही योजना का लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है।

मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी को भी बीमा लाभ

इस योजना की एक और विशेष बात यह है कि यदि किसी लाभार्थी बहन की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को ₹2 लाख रुपये की बीमा राशि भी प्रदान की जाती है। यह पहल न केवल लाभार्थी के वर्तमान की चिंता करती है, बल्कि भविष्य में परिवार की रक्षा भी सुनिश्चित करती है।

पुनर्विवाह या मृत्यु तक मिलता है लाभ

इस योजना का लाभ तब तक मिलता है जब तक कि लाभार्थी बहन का पुनर्विवाह नहीं हो जाता या उसकी मृत्यु नहीं हो जाती। यानी योजना का उद्देश्य महिला के पुनः सामाजिक और आर्थिक रूप से स्थिर होने तक सहायता पहुंचाना है।

भावनगर में डेढ़ साल में 1762 आवेदन स्वीकृत

भवनगर नगर मामलतदार कार्यालय द्वारा योजना के प्रचार और विस्तार के लिए तलाटी और सह-मंत्रियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले। जनवरी 2024 से जून 2025 के बीच कुल 2394 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1762 आवेदन स्वीकृत और 632 आवेदन अस्वीकृत किए गए।

नियमों में किए गए संशोधन

पहले इस योजना में कुछ शर्तें थीं, जैसे:

  • यदि लाभार्थी महिला का पुत्र 21 वर्ष से अधिक उम्र का हो, तो सहायता नहीं दी जाती थी।
  • पति की मृत्यु के एक वर्ष के भीतर ही आवेदन किया जा सकता था।

लेकिन अब इन दोनों नियमों को हटा दिया गया है, जिससे ज्यादा महिलाओं को योजना का लाभ मिल सके।

किन लोगों को आवेदन नहीं करना चाहिए?

सरकार की ओर से यह भी आग्रह किया गया है कि जिन महिलाओं की आर्थिक स्थिति अच्छी है, जिनके पास अच्छी नौकरी है, या जिनके एक से अधिक पुत्र हैं, वे इस योजना के लिए स्वेच्छा से आवेदन न करें। इससे जरूरतमंद महिलाओं तक सहायता आसानी से पहुंच सकेगी और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग भी नहीं होगा।

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निष्कर्ष

गुजरात सरकार की गंगा स्वरूप योजना, खासकर भावनगर जैसे शहर में, एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी है। यह योजना समाज के एक ऐसे वर्ग को सशक्त बना रही है जो वर्षों से उपेक्षित रहा है। saurashtra samachar के माध्यम से यह जानकारी सामने लाना जरूरी है ताकि अन्य महिलाएं भी इस योजना के बारे में जानें और इसका लाभ उठा सकें। एक संवेदनशील, सशक्त और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।