Bhavnagar News : भावनगर जिले के पालीताना तहसील के ग्रामीण इलाके में एक सूदखोर ने एक परिवार को अपने जाल में फंसा लिया। परिवार से ब्याज के पैसे चुकाने के बावजूद अधिक रकम वसूली गई और पत्नी-बेटी के सोने के आभूषण भी कब्जे में रख लिए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी सूदखोर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया।
सूदखोर के जाल में फंसा परिवार
गुजरात में सूदखोरी और अवैध वसूली के कई मामले अक्सर सामने आते हैं। मजबूरी में लोग ब्याज पर रुपये तो ले लेते हैं लेकिन बाद में ब्याज के बोझ में दबकर अपना सब कुछ खो बैठते हैं।
ऐसा ही मामला पालीताना तहसील के मोती पानीयाली गांव में रहने वाले मगनभाई भीमजीभाई वाघेला के साथ हुआ। वर्ष 2020 में उन्होंने गांव के ही जेमभा कालुभा वाला से करीब डेढ़ लाख रुपये उधार लिए थे। शुरू में ब्याज समय पर चुकाया जाता था, लेकिन बाद में पैसों की कमी के कारण उन्होंने पत्नी और बेटी के सोने के आभूषण गिरवी रख दिए।
ब्याज चुकाने के बाद भी नहीं लौटाए गहने
परिवार ने पूरा ब्याज चुका दिया था, फिर भी सूदखोर ने गहने वापस नहीं किए। इसके उलट वह और ज्यादा रकम की मांग करता रहा और परिवार पर दबाव डालने लगा।
परिवार को लगातार मानसिक रूप से परेशान किया जाने लगा। आखिरकार तंग आकर परिवार ने पुलिस से मदद लेने का फैसला किया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिकायत मिलते ही पालीताना ग्रामीण थाने के पुलिस इंस्पेक्टर रवि रबारी और उनकी टीम ने सूदखोर के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोपी को गिरफ्तार कर कस्टडी में लिया गया।
सूदखोर के पास से पुलिस ने पीड़ित परिवार के सोने के गहने बरामद कर अदालत में पेश किए। कोर्ट के आदेश के बाद गहनों को छुड़वाकर परिवार को वापस दिला दिए गए।
कोर्ट से मिले आभूषण, परिवार ने ली राहत की सांस
कई सालों से परिवार अपने गहनों की वापसी की उम्मीद छोड़ चुका था। लेकिन पुलिस और कोर्ट की त्वरित कार्रवाई के बाद गहने लौटाए गए तो परिवार ने राहत की सांस ली।
परिवार ने पुलिस की निष्पक्ष कार्यवाही और निष्ठा के लिए आभार जताया। इस कार्रवाई में पालीताना डीवाईएसपी मिहिर बारैया और उनकी टीम ने भी अहम भूमिका निभाई।
गुजरात में बढ़ते सूदखोरी के मामले
गुजरात के अलग-अलग जिलों में सूदखोरी और अवैध वसूली के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। कई लोग आर्थिक मजबूरी में ब्याज पर रुपये लेते हैं और फिर सूदखोरों के चंगुल में फंसकर अपनी संपत्ति और गहने तक खो देते हैं।
नीचे दी गई तालिका में भावनगर जिले में पिछले कुछ वर्षों में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए सूदखोरी के मामलों का ब्यौरा दिया गया है –
वर्ष | दर्ज मामले | प्रमुख क्षेत्र | पुलिस कार्रवाई |
---|---|---|---|
2020 | 12 मामले | पालीताना, गारियाधार | 7 सूदखोर गिरफ्तार, गहने बरामद |
2021 | 18 मामले | भावनगर शहर, तळाजा | 12 मामलों में कोर्ट कार्यवाही |
2022 | 15 मामले | घोघा, ग्रामीण क्षेत्र | 10 सूदखोर जेल भेजे गए |
2023 | 22 मामले | पालीताना, शहरी क्षेत्र | 15 मामलों में संपत्ति जब्त |
2024 | 19 मामले | मोती पानीयाली, आसपास | कई पीड़ित परिवारों को गहने लौटाए गए |
पुलिस की चेतावनी और संदेश
पुलिस ने साफ संदेश दिया है कि सूदखोरी और अवैध वसूली जैसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति ऐसे चंगुल में फंसता है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।
समाज के लिए सबक
यह घटना केवल वाघेला परिवार की नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक सबक है। लोग मजबूरी में सूदखोरों से कर्ज लेने की यह बजाय बैंक और कानूनी रास्तों को अपनाएं। अवैध सूदखोरी से बचना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है।
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निष्कर्ष
Bhavnagar News की इस घटना से साफ होता है कि कानून की नजर में सूदखोरी अपराध है। पुलिस की सतर्कता और कोर्ट की तत्परता के चलते एक परिवार को वर्षों बाद न्याय मिला और गहने लौटाए गए। आरोपी सूदखोर को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया।
यह संदेश पूरे समाज के लिए है कि अगर कोई सूदखोर दबाव बनाता है तो निडर होकर पुलिस और कानून की मदद लें।